कविता और कविता कविता और कविता
ज़िक्र किया किसी दिन हमने कि किस तरह कलियाँ खिलती हैं फिक्र किया हमेशा मन में जो एक द ज़िक्र किया किसी दिन हमने कि किस तरह कलियाँ खिलती हैं फिक्र किया हमेशा मन म...
प्रेम में डूबा वो पागल कविआज भी इँतजार मे हैकि अपनी अधजली कविताओं से वो बचा लेगा रोम को,और बचा लेगाउ... प्रेम में डूबा वो पागल कविआज भी इँतजार मे हैकि अपनी अधजली कविताओं से वो बचा लेगा...
सपने सच होते हैं, कुछ मेरे भी हुए, देखे थे रातो में, सबेरे वो पूरे हुए। जीना तो च सपने सच होते हैं, कुछ मेरे भी हुए, देखे थे रातो में, सबेरे वो पूरे हुए।...
बुने किस्मत ने जो जाले,उन्हीं जालों में उलझा हूँ कहूँ अब किस तरह तेरे, ख्यालों में ही उलझा हूँ कभी ख... बुने किस्मत ने जो जाले,उन्हीं जालों में उलझा हूँ कहूँ अब किस तरह तेरे, ख्यालों म...
इश्क़ दर्द और मेरी शायरी ''कवि अपर्णेय'' इश्क़ दर्द और मेरी शायरी ''कवि अपर्णेय''